नेट न्यूट्रैलिटी है क्या ? ~ TOTAL tech GYAN

नेट न्यूट्रैलिटी है क्या ?

DELHI :                                 

                                                 नेट न्यूट्रैलिटी है क्या ?



what is net neutrality?


आपने नेट न्यूट्रैलिटी के बारे में सुना जरूर होगा ? आपके मन में जरूर प्रश्न आया होगा की भला ये नेट न्यूट्रैलिटी है क्या ? आज मैं इस आर्टिकल के माध्यम से नेट न्यूट्रैलिटी से जुड़े प्रश्नो का उत्तर देने की कोशिश किया हूँ। इस आर्टिकल को पढ़ने बाद भी अगर आपको नेट न्यूट्रैलिटी से जुड़े प्रश्न आ रहा है तो आप हमारे YOU TUBE  चैनल के वीडियो को देख सकते है ।

नेट न्यूट्रैलिटी है क्या ?

नेट न्यूट्रैलिटी जिसे हम नेटवर्क न्यूट्रैलिटी ,इंटरनेट न्यूट्रैलिटी ,या नेट इक्वलिटी भी बोल सकते है। यह एक इंटरनेट का टर्म है जिसका मतलब है दुनिया भर में मौजूद इंटरनेट यूजर को, सभी तरह के वेबसाइट और सभी तरह के कंटेंट को एक्सेस करने की सामान रूप से आजादी हो और जो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) और गवर्नमेंट सिस्टम है उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की इंटरनेट यूजर को कंटेंट,वेबसाइट और सर्विस के मुताबिक अलग-अलग चार्ज नहीं देना पड़े । एक सामान रूप से किसी भी वेबसाइट को विजिट करने की आजादी हो ।


नेट न्यूट्रैलिटी का सिद्धांत है कि सभी इंटरनेट यातायात का समान व्यवहार किया जाना चाहिए। इंटरनेट यातायात में इंटरनेट पर भेजे गए सभी अलग-अलग संदेशों, फ़ाइलों और डेटा शामिल हैं, उदाहरण के लिए, ईमेल, डिजिटल ऑडियो फाइलें, डिजिटल वीडियो फाइल इत्यादि। आसान भाषा में बोलू तो अगर कोई भी इंटरनेट यूजर इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए डाटा पैक लेता है तो अब ये उसकी मर्ज़ी है की वो अपने फ़ोन या कंप्यूटर पर कौन सी वेबसाइट को विजिट करना चाहता है या कौन  सी सर्विस का उपयोग करना चाहता है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर यानी ISP आपसे केवल इस बात का चार्ज करती है की आपने किता डाटा का उपयोग किया है न की किस तरह का वेबसाइट या सर्विस का आपने उपयोग किया है लेकिन सोचिये अगर आपको डाटा उपयोग के हिसाब से नहीं बल्कि सर्विस के हिसाब से पैसे देना पड़े तो न केवल आप यानी इंटरनेट यूजर बल्कि जो वेबसाइट अभी-अभी शुरू हुई है या जो प्रोजेक्ट शुरूआती स्टेज में है उसके लिए ये स्थिति मुश्किल हो सकती है

उदहारण के लिए : 
जब फ्लिपकार्ट शुरू हुआ तब इसके पास फंड्स की कमी थी , जिसके कारण फ्लिपकार्ट के सीईओ ISP वाले को पैसे नहीं दे पाता और आप शायद आज फ्लिपकार्ट को नहीं जानते बल्कि अमेज़न को जानते । हमारे देश में बहुत से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है  जो आप तक इंटरनेट पहुंचाता है आप अपने फ़ोन या कंप्यूटर के ब्राउज़र को ओपन करते है और टाइप करते है गूगल डॉट कॉम ये भी जल्दी ही खुल जाता है अब आप गूगल में  totaltechgyanweb.com को सर्च करते है वेबसाइट एक सेकंड से भी कम समय खुल जाता है अब जो भी आर्टिकल पढ़ना है पढ़ सकते है 

मान लेते है आपको आपको इस वेबसाइट का आर्टिकल अच्छा नहीं लगा कोई दूसरे वेबसाइट और इससे अच्छे आर्टिकल पढ़ने का मन है आपको इसिलए आप बैक गियर लगा के एक बार फिर गूगल बाबा के शरण में जाते हो और इस बार आप thelollytop.com  को सर्च करते है ( thelollytop.com   बहुत बड़ी वेबसाइट नहीं है जबकि ये वेबसाइट भी आपको बढ़िया लगता है ,आपको इस वेबसाइट का आर्टिकल दूसरे वेबसाइट से जायदा बेहतर लगता है ) जैसे आप इस वेबसाइट का नाम टाइप करके गूगल करते है ये वेबसाइट बहुत जल्दी नहीं खुलता है आपसे,क्योंकि इस वेबसाइट का ट्रैफिक म है कोई भी बहुत बड़ी वेबसाइट के तुलना में । इस वेबसाइट के खुलने के स्पीड को गूगल ने कम कर दिया है किसी भी बड़े वेबसाइट से पैसे लेकर। इसी को नेट न्यूट्रैलिटी का समाप्त या नहीं होना कहते है ।
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