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| why apple failed in India |
एप्पल हिंदुस्तान में क्यों फ़ैल हुआ ??? why apple fails in india??
नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से आपके अपने ब्लॉग में मैं विवेकानन्द रॉय आपका स्वागत करता हूँ आज मैं आपके लिए बहुत ही रौचक टॉपिक पर ब्लॉग लिख रहा हूँ दोस्तों आप जानते होंगे पूरी दुनिया में अकेला एप्पल का नया फ़ोन लांच होते ही पूरा जीतना तहलका मचाता है उतना ही तहलका हमारे प्यारे देश हिंदुस्तान में रेडमी के फ़ोन लांच होने पर होता है यानी की हिंदुस्तान में उतना मार्किट शेयर एप्पल जैसे बड़े स्मार्टफोन निर्माता कंपनी का नहीं है जितना की रेडमी जैसे चीन के स्मार्टफोन निर्माता कंपनी का है आखिर क्या कारण है जो हिंदुस्तान में एप्पल लोकप्रिय स्मार्टफोन नहीं बन सका है लेकिन रेडमी जैसे छोटे कंपनी हिंदुस्तान में किले को फतह कर चूका है आज ऐसा हालत हो गया है की 40 % से ज्यादा पब्लिक के हाथ में रेडमी का ही फ़ोन दीखता है
एप्पल का मार्किट शेयर
अगर मैं एप्पल के मार्किट शेयर की बात करू तो टोटल मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के मार्किट का अकेला एप्पल का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम 18.9% अपना हिस्सा रखता है ये तो एप्पल के ios यानी की एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम का आकड़ा है अब मैं एप्पल के स्मार्टफोन यानी IPHONE के बात करता हूँ ी फ़ोन उत्तर अमेरिका में 48 % ,ओशिनिया में 48.34 % ,यूरोप में 24.06%,एशिया और दक्षिण अमेरिका में 10% और 7% अफ्रीका में iphone मार्किट शेयर करता है
अच्छी तरह से आप कह सकते हैं कि भारत एक है विकासशील देश है आईफोन महंगे होते है हम बोल सकते है की विकसित राष्ट्र में लोगों की आमदनी ज्यादा होता है विकासशील देश के तुलना में इसके लिए ब्रिक्स देशों को देखते हैं ब्राजील रूस भारत और चीन ब्राजील में आईओएस बाजार का 11.57 % मार्किट शेयर करता है रूस में आईओएस बाजार का 23.51 % मार्किट शेयर करता है चीन में 21.96 प्रतिशत मार्किट शेयर करता है और अंत में भारत आईओएस में केवल 2.9 प्रतिशत मात्र मार्किट शेयर करता है जो की औसतन अफ्रीका से भी कम प्रतिशत है अफ्रीका हिंदुस्तान से प्रति व्यक्ति जीडीपी और आर्थिक विकास के मामला में बहुत पीछे है लेकिन एप्पल का फ़ोन खरीदने में अफ्रीका हिंदुस्तान से कहीं आगे है तो इसके कारण क्या है??
इसका सबसे बड़ा कारण है हिंदुस्तान में एप्पल के फ़ोन का दाम ज्यादा होना दूसरे देश के तुलना में एप्पल का फ़ोन संयुक्त राज्य अमेरिका में 999 डॉलर का मिलता है तो वही फ़ोन हिन्दूस्तान आते ही1300 डॉलर का हो जाता है ये इसलिए भी होता है क्योंकि कोई भी विदेशी कम्पनी को इंडिया में कोई भी उत्पाद को बेचने केलिए कई के आयात शुल्क देना परता है और डॉलर के तुलना में रुपया का गिरता महत्व भी एप्पल के प्राइस को बढ़ता है और तो और एप्पल को इंडिया में फ़ोन बेचने के लिए जो 30 प्रतिशत प्रीमियम शुल्क देना परता है ये भी आग में घी डालने का काम करता है जो दुनिया मे सबसे अधिक है ऐप्पल ने इस प्रीमियम प्राइस से बचने की कोशिश की भारत में अपनी फैक्टरी खोला लेकिन एप्पल केवल पिछले साल ऐसा करने में कामयाब रहा एप्पल अंत से संस्करण का उत्पादन करने का फैसला किया
एप्पल का प्राइस ज्यादा होने के कारन लोग इसे खरीद नहीं पाते जैसे ीफोने x की बात करें तो एक ीफोने x की कीमत इंडिया में एक लाख से भी ज्यादा है अब आप ही बताइये न एक लाख में इंडियन क्या नहीं खरीद सकता है ? एक लाख में आप एक अच्छा से अच्छा बाइक खरीद सकते है बढ़िया रेफ्रिजरेटर खरीद सकते है जिससे आपके पूरा फॅमिली को आराम मिलेगा तो फिर एक फ़ोन फ़ोन में ही एक लाख रूपये को एक फ़ोन में क्यों बर्बाद करें और एक बात फ़ोन अगर खरीद भी लिए आप तो आपको फ़ोन कोई नया एप्लीकेशन इनस्टॉल करना हो या कोई नया म्यूजिक सुनना हो सबके लिए आपको रुपया देना पड़ेगारेडमी ,ओप्पो ,वीवो जैसे स्मार्टफोन कम्पनी के फ़ोन पांच हज़ार से लेकर पचीस हज़ार के रेंज में क्या फीचर नहीं दे देता है
एप्पल का प्राइस ज्यादा होने के कारन लोग इसे खरीद नहीं पाते जैसे ीफोने x की बात करें तो एक ीफोने x की कीमत इंडिया में एक लाख से भी ज्यादा है अब आप ही बताइये न एक लाख में इंडियन क्या नहीं खरीद सकता है ? एक लाख में आप एक अच्छा से अच्छा बाइक खरीद सकते है बढ़िया रेफ्रिजरेटर खरीद सकते है जिससे आपके पूरा फॅमिली को आराम मिलेगा तो फिर एक फ़ोन फ़ोन में ही एक लाख रूपये को एक फ़ोन में क्यों बर्बाद करें और एक बात फ़ोन अगर खरीद भी लिए आप तो आपको फ़ोन कोई नया एप्लीकेशन इनस्टॉल करना हो या कोई नया म्यूजिक सुनना हो सबके लिए आपको रुपया देना पड़ेगारेडमी ,ओप्पो ,वीवो जैसे स्मार्टफोन कम्पनी के फ़ोन पांच हज़ार से लेकर पचीस हज़ार के रेंज में क्या फीचर नहीं दे देता है

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